मैच्योरिटी के बाद भी NSC को रखना चाहते हैं जारी या करना चाहते हैं प्रीमैच्योर विड्रॉल, तो जान लें नियम
NSC के मैच्योर होने के बाद भी इसे जारी रखना चाहता है, तो क्या ऐसा कोई नियम है कि वो अकाउंट को एक्सटेंड करवा सके? वहीं मैच्योरिटी से पहले इसे भुनाने के क्या नियम हैं? जानिए इसके बारे में.
मैच्योरिटी के बाद भी NSC को रखना चाहते हैं जारी या करना चाहते हैं प्रीमैच्योर विड्रॉल, तो जान लें नियम
मैच्योरिटी के बाद भी NSC को रखना चाहते हैं जारी या करना चाहते हैं प्रीमैच्योर विड्रॉल, तो जान लें नियम
NSC (National Saving Certificate) भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक स्मॉल सेविंग स्कीम है. इस स्कीम में 5 साल के लिए पैसा जमा किया जाता है. पांच साल बाद ये स्कीम मैच्योर हो जाती है और आपको कुल जमा रकम ब्याज समेत वापस मिल जाती है. एनएससी में मौजूदा समय में 7 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. NSC में आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. ब्याज की गणना सालाना आधार पर होती है. हालांकि रकम का भुगतान आपको मैच्योरिटी पर होता है.
लेकिन मान लीजिए कि कोई व्यक्ति NSC के मैच्योर होने के बाद भी इसे जारी रखना चाहता है, तो क्या ऐसा कोई नियम है कि वो अकाउंट को एक्सटेंड करवा सके? अगर ये विकल्प मिलता है तो इसमें ब्याज की कैलकुलेशन किस आधार पर होती है? वहीं मैच्योरिटी से पहले इसे भुनाने के क्या नियम हैं? यहां जानिए इसके बारे में-
एक्सटेंशन के नियम
अगर 5 साल बाद एनएससी (NSC) मैच्योर हो जाती है, लेकिन फिर भी आप इसको नहीं भुनाते हैं, तो ये अपने आप रिन्यू नहीं होती है. इस स्थिति में मैच्योरिटी के बाद की अवधि में आपको एनएससी पर सामान्य सेविंग अकाउंट के हिसाब से ब्याज दिया जाता है और भी सिर्फ अगले दो साल तक ही दिया जा सकता है.
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अगर आप एनएससी को मैच्योर होने के बाद भी अगले 5 सालों तक जारी रखना चाहते हैं तो आपको इसके लिए फिर से आवेदन करना होता है. ऐसे में इसे नई तारीख की जमा के रूप में माना जाएगा और इस पर ब्याज का फायदा भी उस डेट में लिए गए नए सर्टिफिकेट के ब्याज के हिसाब से मिलेगा.
उदाहरण से समझिए
मान लीजिए आपने आज के समय में एनएससी में निवेश किया. मौजूदा ब्याज के हिसाब से आपको इस स्कीम में जमा रकम पर 8 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है, तो ये ब्याज दर अगले 5 साल तक यानी इसके मैच्योर होने तक जारी रहेगी. पांच साल बाद एनएससी मैच्योर होने के बाद अगर आप इसे फिर से अगले 5 साल तक के लिए जारी रखना चाहते हैं तो इसके लिए आवेदन करने के बाद उस समय के मौजूदा रेट के हिसाब से आपको फायदा मिलेगा. मान लीजिए अगर उस समय एनएससी पर ब्याज 6.8 प्रतिशत होगा तो आपको भी अगले पांच सालों में इसी दर से लाभ मिलेगा और अगर ब्याज 8 प्रतिशत ही रहा या उससे ज्यादा हुआ, तो आपको उस दर का लाभ मिलेगा.
क्या मैच्योरिटी से पहले भुना सकते हैं एनएससी?
सामान्य स्थिति में एनएससी को 5 साल से पहले नहीं भुनाया जा सकता और न ही इसमें कोई पार्शियल विड्रॉल हो सकता है. सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही इसे पांच साल से पहले भुनाया जा सकता है जैसे अकाउंट होल्डर की मृत्यु की स्थिति में, अदालत की ओर से आदेश जारी होने पर या जब्तीकरण की प्रक्रिया में, सिर्फ गजटेड अफसर द्वारा इसे भुनाया जा सकता है.
एनएससी कौन खरीद सकता है?
एनएससी अकाउंट कोई भी खुलवा सकता है. बच्चे के नाम पर भी उसके माता-पिता या अभिभावक की ओर से NSC खरीदे जा सकते हैं, वहीं 10 साल से ऊपर का बच्चा खुद भी अपने नाम NSC खरीद सकता है. दो से तीन लोग मिलकर जॉइंट अकाउंट भी खुलवा सकते हैं. NSC में मिनिमम 1000 रुपये का निवेश करना है. उसके बाद 100 के मल्टीपल में सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं. इसमें निवेश करने की कोई सीमा नहीं है.
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12:16 PM IST